हरेली तिहार में छत्तीसगढ़ी स्वाद का रंग, सीएम निवास में पारंपरिक व्यंजनों की छटा

रायपुर। छत्तीसगढ़ की धरती पर जब भी कोई पर्व आता है, वह केवल धार्मिक आयोजन नहीं रह जाता, बल्कि संस्कृति, स्वाद और सामाजिक आत्मीयता का उत्सव बन जाता है। हरेली तिहार भी इसी भावना का प्रतीक है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निवास में इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी पाक परंपरा की जीवंत झलक देखने को मिली।

हरेली तिहार छत्तीसगढ़ी व्यंजन के बिना अधूरा है, और इस बात को साकार करते हुए अतिथियों के स्वागत के लिए पारंपरिक व्यंजनों की भव्य थाली परोसी गई। ठेठरी, खुरमी, पिड़िया, अनरसा, खाजा, करी लड्डू, मुठिया, गुलगुला भजिया, चीला-फरा, बरा और चौसेला जैसे दर्जनों पकवानों ने न केवल स्वाद, बल्कि छत्तीसगढ़ की आत्मा का परिचय कराया।

इन व्यंजनों को बांस की सूप, पिटारी और दोना-पत्तल में परोसा गया, जिसने पूरे वातावरण को ग्रामीण जीवन के सौंदर्य से भर दिया। मुख्यमंत्री साय ने स्वयं इन व्यंजनों का स्वाद लिया और कहा कि यह पर्व केवल खेती-किसानी का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी लोकसंस्कृति, परंपरा और आत्मीयता की अभिव्यक्ति है।

कार्यक्रम में लोक वाद्य यंत्रों की थाप, परंपरागत परिधान में सजे कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और व्यंजनों की सौंधी खुशबू ने हर कोने को जीवंत कर दिया। वरिष्ठ अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और आमजनों ने इसे एक अविस्मरणीय सांस्कृतिक अनुभव बताया।

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