प्रदेश प्रवक्ता ठाकुर ने इंडी गठबंधन पर निशाना साधा, कहा : रेड्डी वामपंथी नक्सलियों के समर्थक हैं और सलवा जुडूम के खिलाफ जजमेंट दिया

रायपुर।23- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने उपराष्ट्रपति पद के लिए सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाने के लिए इंडी गठबंधन पर निशाना साधते हुए रेड्डी को वामपंथी नक्सलियों का समर्थक बताया और कहा है कि कांग्रेसनीत विपक्ष ने ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद को मदद करने के लिए सलवा जुडूम के खिलाफ जजमेंट दिया था, अन्यथा वामपंथी नक्सलवाद 2020 तक खत्म हो गया होता। श्री ठाकुर ने कहा कि विपक्ष द्वारा रेड्डी को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने से एक ओर जहाँ आदिवासी समुदाय उद्वेलित हैं, वहीं दूसरी ओर एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस का हाथ हमेशा नक्सलियों के साथ है।

भाजपा प्रदेश प्रदेश प्रवक्ता श्री ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के संकल्प को दोहराते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सफाया हो रहा है, उसमें डीआरजी की प्रमुख भूमिका है। डीआरजी को आगे रखकर उनके भौगोलिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए आज पूरी फोर्स लड़ाई लड़ रही है, जिससे नक्सली समाप्त होते नजर आ रहे हैं। ऐसे समय में सुदर्शन रेड्डी को उपराष्ट्रपति प्रत्याशी बनाना आदिवासी समाज के लिए चिंता की बात है और इसके लिए कांग्रेस के लोगों को देश व प्रदेश की जनता से माफी भी मांगनी चाहिए। श्री ठाकुर ने कहा कि सलवा जुडूम के जरिए वनांचल क्षेत्र के जनजाति वर्ग के लोग नक्सलियों के खिलाफ विद्रोह कर रहे थे, रेड्डी ने तब उन आदिवासियों के खिलाफ फैसला सुनाया था। उस समय कई आदिवासी परिवार शहीद हो गए थे। आज कांग्रेस के रेड्डी को उपराष्ट्रपति प्रत्याशी बनाने से कांग्रेस का चरित्र बेनकाब हो गया है। कांग्रेस की राज्यसभा सदस्य रंजीता रंजन ने नक्सलियों को सही बताया था, राज बब्बर ने नक्सलियों को क्रांतिकारी बताया था। प्रदेश प्रवक्ता श्री ठाकुर ने सलवा जुडूम में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले कांग्रेस के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा का भी स्मरण किया और कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कहने पर स्व. श्री कर्मा ने क्लोज डोर मीटिंग में हिस्सा लिया और नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में अपना योगदान दिया। श्री ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के लोग कभी भी नहीं चाहते कि आदिवासी अंचल का विकास हो, आदिवासी समुदायों के लोग रोजगार की ओर आगे बढ़ें, सुख-शांति व समृद्धि की ओर आगे बढ़ें।

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