बाढ़ का खतरा: यमुना का जलस्तर खतरे के निशान के पार, निचले इलाकों में घुसा पानी, यातायात ठप

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी एक बार फिर उफान पर है और इसका जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। बृहस्पतिवार को नदी का पानी कई निचले इलाकों में घुस गया, जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और पूरे शहर में भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है। पुराने रेलवे पुल, जो कि नदी के जलस्तर की निगरानी का एक प्रमुख केंद्र है, पर सुबह 9 बजे जलस्तर 207.47 मीटर दर्ज किया गया।

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यह जलस्तर सुबह 6 बजे से 7 बजे के बीच 207.48 मीटर पर स्थिर रहा, जबकि सुबह 5 बजे यह 207.47 मीटर था। अधिकारियों ने बताया कि दिन के अंत तक जलस्तर में गिरावट आने की उम्मीद है, लेकिन तब तक बाढ़ का पानी शहर में काफी फैल चुका है।

नवीनतम रिपोर्टों के अनुसार, बाढ़ का पानी दिल्ली सचिवालय के करीब पहुंच गया है, जहां मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के कार्यालय हैं। इसके अलावा, वासुदेव घाट के आसपास के इलाकों में भी पानी भर गया है। मयूर विहार फेज एक जैसे कुछ निचले इलाकों में भी बाढ़ आ गई है, और यहां तक कि वहां स्थापित किए गए राहत शिविर भी पानी में डूब गए हैं। मोनेस्ट्री मार्केट, कश्मीरी गेट के पास स्थित श्री मरघट वाले हनुमान बाबा मंदिर और यमुना बाजार जैसे इलाके भी पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं।

बाढ़ का सबसे बुरा असर निगमबोध घाट और गीता कॉलोनी श्मशान घाटों पर पड़ा है। गीता कॉलोनी श्मशान घाट के प्रमुख संजय शर्मा ने बताया, “2023 में भी श्मशान घाट में पानी भर गया था, और आज फिर से लगभग 10 फुट तक पानी है। बाहर रखी सारी लकड़ियां बर्बाद हो गई हैं। नुकसान बहुत बड़ा है।” उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि कुछ अन्य श्मशान घाट भी बंद हो गए हैं, इसलिए लोग दूर-दूर से अंतिम संस्कार के लिए यहां आ रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम किसी तरह श्मशान घाट के अंदर की सड़क पर ही अंतिम संस्कार का प्रबंध कर रहे हैं।”

दिल्ली के निवासियों के लिए यह दोहरी मार है, क्योंकि वे पहले से ही लगातार बारिश के कारण जलजमाव और यातायात जाम से जूझ रहे थे। सिविल लाइंस और चंदगी राम अखाड़ा जैसे इलाकों में भारी जलजमाव देखा गया है। स्थानीय लोगों ने खराब जल निकासी व्यवस्था और नागरिक अधिकारियों की निष्क्रियता को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है।

वहीं, बाढ़ के कारण राजधानी के कई हिस्सों में यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। आउटर रिंग रोड, कालिंदी कुंज, कश्मीरी गेट और आश्रम, आईएसबीटी, व सराय काले खां की ओर जाने वाले प्रमुख मार्गों पर पीक आवर्स के दौरान भारी जाम लगा रहा।

राजस्व विभाग के अनुसार, बाढ़ से प्रभावित 8,018 लोगों को तंबुओं से बने अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित किया गया है, जबकि 2,030 लोगों को 13 स्थायी राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है और वह स्थिति पर 24 घंटे नजर रख रही है।

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